
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक और कानूनी बहस तेज़ हो गई है। इस विशेष अभियान के तहत राज्य के करीब 8 करोड़ वोटर्स को 25 जुलाई तक Form of Enumeration जमा करना अनिवार्य किया गया है। चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया वोटर लिस्ट को अपडेट करने और फर्जी नाम हटाने के लिए की जा रही है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि यह “नागरिकता की जांच” का परोक्ष तरीका है।
क्या वोटर लिस्ट से बाहर होना Citizenship पर असर डालता है?
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल अपने 88 पन्नों के जवाब में स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से हटना, उसकी नागरिकता रद्द होने का कारण नहीं बन सकता। आयोग का कहना है कि उसका उद्देश्य सिर्फ यह सुनिश्चित करना है कि हर योग्य व्यक्ति को मतदान का अधिकार मिल सके। इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की जांच की जा रही है, ताकि मतदाता सूची को सटीक और पारदर्शी बनाया जा सके।
कौन से दस्तावेज़ ज़रूरी हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को सुझाव दिया था कि Aadhaar Card, Voter ID, और Ration Card जैसे documents को मान्यता दी जाए, लेकिन आयोग का कहना है कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है, और कई हाईकोर्ट भी इस बात को मान चुके हैं।
वोटर बनने की योग्यता क्या है?
भारतीय संविधान के तहत अनुच्छेद 326 के अनुसार, 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का हर भारतीय नागरिक, जिसे किसी कानून के तहत अयोग्य न ठहराया गया हो, मतदान का अधिकार रखता है।
Representation of the People Act, 1950 की धारा 16 कहती है कि गैर-नागरिक व्यक्ति वोटर लिस्ट में शामिल नहीं हो सकता। धारा 19 के अनुसार व्यक्ति को वोटर बनने के लिए 18 साल का और उस निर्वाचन क्षेत्र का निवासी होना ज़रूरी है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि यह प्रक्रिया परोक्ष रूप से NRC (National Register of Citizens) लागू करने की कोशिश है, जो संविधान की भावना के खिलाफ़ है। उनका कहना है कि इससे कई ऐसे लोग, जो पहले से ही सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वोटर लिस्ट से बाहर हो सकते हैं। दूसरी ओर, चुनाव आयोग का कहना है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय-समय पर सभी राज्यों में मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए की जाती है, ताकि सूची को अधिक सटीक और विश्वसनीय बनाया जा सके।
आगे क्या?
इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। तब तक फॉर्म भरने और दस्तावेज़ जमा करने की प्रक्रिया जारी रहेगी, और 1 अगस्त को Draft Voter List जारी की जाएगी।

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