
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा अब किसी भी समय हो सकती है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने लंबी चर्चा और कई दौर की बैठकों के बाद नाम पर सहमति बना ली है।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने दिल्ली में नेतृत्व से मुलाकात कर अंतिम मुहर भी लगा दी है।इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को दिल्ली बुलाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ चर्चा की गई थी।
संगठनात्मक समीकरण और आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया जा रहा है।भाजपा को एक ऐसा मजबूत और सक्रिय चेहरा चाहिए जो संगठनात्मक मजबूती के साथ सरकार से तालमेल बिठा सके। साथ ही कार्यकर्ताओं से जुड़ा हो और उनकी आवाज को नेतृत्व तक पहुंचा सके।
नामों की बात करें तो पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह सबसे आगे बताए जा रहे हैं। उनके नाम की चर्चा तेज हो गई है और समर्थकों का मिलना-जुलना भी शुरू हो गया है। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया, विद्यासागर सोनकर, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी और पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा जैसे नाम भी संभावितों की सूची में शामिल हैं।
कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी इस बार दलित समुदाय से किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है ताकि सामाजिक समीकरण भी साधे जा सकें।भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी में सभी निर्णय आम सहमति से होते हैं और जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष के नाम की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।
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