कन्नौज। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं। इस बार मामला पार्टी के वरिष्ठ मुस्लिम नेता सत्तार कुरैशी के निधन से जुड़ा है। AIMIM कन्नौज के जिला अध्यक्ष इशरत खान ने आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव न तो सत्तार कुरैशी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे और न ही उनके परिजनों से मिलने का समय निकाल सके।सत्तार कुरैशी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं और उन्होंने वर्षों तक सपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाई थी। लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था, लेकिन सपा प्रमुख का शोक व्यक्त न करना और मृतक के परिजनों से न मिलना स्थानीय सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ है।इशरत खान का कहना है कि अखिलेश यादव ने सत्तार कुरैशी के निधन के कुछ ही दिनों बाद कन्नौज आकर एक निजी ई-रिक्शा शोरूम का उद्घाटन किया, लेकिन उन्होंने कुरैशी परिवार के घर जाने की जहमत नहीं उठाई। यह घटना तब और विवादास्पद हो गई जब एक महीने के भीतर तीसरी बार अखिलेश यादव कन्नौज आए और हर बार की तरह इस बार भी बिना सत्तार कुरैशी के घर गए, वापस लौट गए।AIMIM अध्यक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब पार्टी के समर्पित और पुराने नेता की अनदेखी की जाएगी, तो यह समाज के एक बड़े वर्ग में गलत संदेश देगा। उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव को कम से कम शिष्टाचार के नाते एक बार शोक जताने जाना चाहिए था।चर्चाएं थीं कि अखिलेश यादव फर्रुखाबाद से लौटते समय सत्तार कुरैशी के घर जाएंगे, लेकिन वे फिर से छिबरामऊ होते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के रास्ते लौट गए।इस मुद्दे ने समाजवादी पार्टी की अल्पसंख्यक राजनीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व इस आलोचना का क्या जवाब देता है, और क्या भविष्य में वह अपने पुराने साथियों के योगदान को उचित सम्मान देने की दिशा में कदम उठाता है।

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